उत्तर प्रदेश सरकार की एक अनूठी पहल ''सेहत संन्देश वाहिनी'' वीडियो वैन परियोजना, आर.एम.एन.सी.एच.ए को ध्यान में रख कर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं के अन्तर्गत उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए उत्तर प्रदेश के दूरस्थ ग्रामों में सिफ्सा द्वारा संचालित की जा रही है।
सेहत संन्देशवाहिनी परियोजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक अनूठा प्रयास है, जिसके माध्यम से जागरूकता एवं विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार पर ध्यान केन्द्रित करते हुए फिल्म के माध्यम से प्रजनन, मातृ, नवजात शिशु, बच्चे और किशोर स्वास्थ्य के मुद्दों को दूरस्थ ग्रामीण लोगों को जाग्रत करते हुए उनके व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश है ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण समुदायों को आकर्षित कर अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
सेहत संन्देशवाहिनी परियोजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यू0पी0 की ओर से सिफ्सा द्वारा प्रदेश के सभी 75 जिलों के 33,000 से अधिक ग्रामों में संचालित किया जा रहा है, जिनमें से फरवरी 2014 से प्रारम्भ हो कर अभी तक 20,000 से अधिक ग्रामों में कार्यक्रम का सफल संचालन सिफ्सा द्वारा कराया जा चुका है।
वर्ष 2016 में इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु, पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से तीन एजेंसियों का चयन किया गया और कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विकास खण्डों को आच्छादित करने हेतु कुल 880 वीडियो वैन चक्रों द्वारा किया जा रहा है, जिनमें अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों को आच्छादित करने के लिए अतिरिक्त 60 चक्र भी शामिल है। लगभग दो घंटे का एक वीडियों फिल्म का निर्माण किया गया है, जिसमें आर.एम.एन.सी.एच.+ए की विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं के तहल स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे जननी सुरक्षा योजना, आशीर्वाद बाल गारंटी योजना, नियमित टीकाकरण, आपातकालीन 108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवाओं को दर्शाया गया है। इस शो में महिलाओं के सशक्तिकरण एवं क्षेत्रीय वेक्टर जनित रोगों जैसे-दिमागी बुखार, जापानी बुखार एवं कालाजार इत्यादि पर भी एक लघु वृत्तचित्र शामिल है। वीडियों वैन इस प्रकार डिजाइ़न किया गया है कि सभी राष्ट्र स्वास्थ्य मिशन योजनाओं की झलक वीडियों वैन की बवदजमेज दीवारों पर देखा जा सकता है। जो गांव पिछले चक्र में सम्मिलित किये गये थे उन्हे छोड़ कर प्रत्येक विकास खण्ड से 20 गांवों का चयन सम्बन्धित जिले के सी.एम.ओ. के माध्यम से किया गया है। प्रत्येक वीडियो वैन टीम में एक काउंसलर और एक आॅपरेटर होता है। शो का समय शाम में ही रखा जाता है। गांव में कार्यक्रम के पूर्व प्रचार, ग्राम प्रधान, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता, ए.एन.एम. और अन्य जमीनी स्तर के कार्यकत्र्ताओं द्वारा गृह भ्रमण एवं हैन्डबिल के वितरण के माध्यम से किया जाता है। वीडियों फिल्म के समाप्त होने पर काउंसलर द्वारा एक प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं जिसमें विजेता को पुरस्कार भी दिया जाता है। सम्पूर्ण कार्यक्रम का अनुश्रवण राष्ट्र स्वास्थ्य मिशन एव सिफ्सा के अधिकारियों द्वारा समय समय पर किया जाता है। अभी तक सेहत संन्देश वाहिनी कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश के 20,000 से अधिक गांवों में पहुँचाया जा चुका है।
न्योथा ग्राम विकास खण्ड़ पटियाली जनपद कांसगंज से लगभग 65 कि.मी. दूर है। यह गांव सूर्यास्त के पश्चात अंधेरे में डूब जाता है, इस गांव में वर्षो से बिजली नही पहुंची है। 18 अप्रैल 2016 की शाम को जब अधेरा हो गया तो मिथिलेश आशा बहू (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकत्ता) जिसे गांव के निवासियों द्वारा आशा बहू के रूप में जाना जाता है, के घर के सामने करीब 450 निवासी सेहत संदेशवाहिनी, कार्यक्रम को देखने हेतु एकत्रित होते है। गांव वालो के लिए यह एक अनोखी घटना है, क्योकि इससे पहले इस तरह का कोई भी आयोजन इस गांव में नही हुआ था। शिक्षा के साथ साथ मनोरंजन युक्त लघु चित्र कथाओं के माध्यम से राष्ट्र स्वास्थ्य मिशन की परियोजनाओं तथा इससे सम्बन्धित मुद्दों को जानना एवं समझना उनके लिए काफी रोचक रहा। जो महिलाएं खाना बनाने हेतु चली गयी थी वापस कार्यक्रम को देखने के लिए आ गयी। प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम सत्र के अन्त में काउन्सलर द्वारा उपस्थित सक्रिय भागीदारो के बीच कराया गया, जिसमें किशोर-किशोरियों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
सेहत संन्देशवाहिनी की टीम गांव में दोपहर 2:30 बजे पंहुच कर गांव के प्रधान से मिलने के बाद गांव में कार्यक्रम के बारे में मुनादी की तथा आशा की सहायता से गांव में घर घर जाकर हैण्डबिल का वितरण किया तथा ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर का भी सूचित किया। गेहंू कटाई का मौसम होने के बावजूद इतनी अधिक संख्या में लोगों ने भाग लिया।
एक प्रतिभागी अमेन्द्र ने कहा कि ''कार्यक्रम अधिक महत्वपूर्ण हैै। यह केवल आज हो रहा है, जबकि कटाई हर दिन होता है और हम इंतजार कर सकते है''
गांव शिवाला कला, ब्लाॅक खैर, जनपद अलीगढ़ में दिनांक अप्रैल 06, 2016 को अति उत्साहित सेहत संदेशवाहिनी कार्यक्रम का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन गांव के लोकप्रिय व्यक्ति डा0 गोकुल के घर के सामने किया गया था। कार्यक्रम में कम से कम 150 पुरूषो, महिलाओं, किशोर-किशोरियो और बच्चों ने भाग लिया। गांव की (मान्यता प्राप्त सामाजिक कार्यकत्र्ता) आशा बहू शान्ती की टिप्पणी निम्न थी ''यह समय मुख्य कटाई का न होने के कारण गांववासी अधिक संख्या मेें कार्यक्रम देखने आये।'' ग्रामीणों के अनुरोध पर कार्यक्रम निर्धारित समय से एक घंटे पूर्व ही शुरू हो गया था। सेहत सन्देशवाहिनी टीम गांव में दोपहर 2:30 पहंुचकर गांव के प्रधान से मिलने के बाद गांव में कार्यक्रम के बारे में मुनादी की तथा आशा की सहायता से गांव में घर-घर जाकर हैण्डबिल का वितरण किया। आशा ने बताया कि टीम ने गांव में प्रचार में कोई कोर कसर नही छोडी। अधिक अंधेरा होने के कारण कई महिलाओं ने खाना बनाने एवं घर के अन्य कार्य हेतु कार्यक्रम का बीच में छोड कर जाना पडा परन्तु सवाल-जवाब सत्र से पूर्व आकर सभी ने भाग लिया।
ग्राम पिहुरा, विकास खण्ड सहपउ, जनपद हाथरस में दिनांक अप्रैल 7, 2016 को आयोजित किया गया। गांव की आशा बहू-गुड्डी देवी पूरे परिवार सहित, उसकी दोनो बेटियों और पति ने शामिल होकर सेहत संन्देशवाहिनी कार्यक्रम की व्यवस्था अपने घर के पास खुले मैदान में की, जो सभी के लिए उपयुक्त थी। निर्धारित समय से पूर्व गांव के लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने लगे, पुरूषों ने खटिया पर, महिलाओं एवं किशोरियों ने दरी पर आसन ग्रहण किया जबकि किशोर ग्रुप में कार्यक्रम को देखने आये।
सेहत सन्देशवाहिनी टीम दोपहर 2:30 के आस पास गांव में पहुचकर आशा के साथ गांव के चारो ओर सभी घरों में गांव में होने वाले कायक्रम का प्रचार एवं हैण्डबिल का वितरण किया। उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले आॅडियो-विजुअल लघु फिल्मों द्वारा दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर रखा है। तीन देरी मातृ मृत्यु दर के लिए आधारित लघु फिल्म महिलाओं द्वारा वड़ी तल्लीनता से देखी गयी। आशा बहू और फिल्म में उसकी उपस्थिति का उल्लेख युवक सोनू ने कहा '' देखो भाभी की बात हो रही है''। हालांकि, लगभग एक घन्टा शो देखने के बाद कई महिलाए ये कहते हुए उठने लगी कि घर का अन्य कार्य एवं खाना बनाना है। कार्यक्रम के दौरान आशा के पति ने दर्शकों को पानी पिलाया तथा आशा एवं ए.एन.एम. बहनजी ने कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को रूकने के लिए प्रोत्साहित किया। कांउसलर द्वारा याद दिलाया गया कि कार्यक्रम के अन्त में प्रश्नोत्तर के दौरान विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्राप्त करने के अवसर है, दर्शकों को रोकने में सहायक हुए। कार्यक्रम के अन्त में एक खुला प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन कांउन्सलर द्वारा आयोजित किया गया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
इसी प्रकार उत्साह एवं भावनाओं के साथ हजारो गांवों में राज्य भर में सेहत संन्देश वाहिनी फिल्म दिखायी जा रही है। सेहत संदेशवाहिनी के शो ज्यादातर दूरदराज के गांवों में किये जा रहे हैं। कार्यक्रमों का अनुश्रवण नियमित रूप से ब्लाॅक और जिला स्तरीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों एवं मंडल तथा सिफ्सा स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।
सेहत संदेशवाहिनी फिल्म ने विशेष कर महिलाओं के दिल को छू लिया है और वे इस फिल्म की कहानी में खुद का प्रतिबिम्ब देखती हैं।